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खबर का हुआ असर परीक्षा में बैठने के लिए बच्चों को मिली नई टाट-पट्टी नकुल ने प्रथम, किस्मत ने द्वितीय तथा रचित ने पाया तृतीय स्थान मॉडल संस्कृति स्कूल में वर्तनी प्रतियोगिता का हुआ आयोजन सफीदों,


नगर के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 6 से 8 वर्ग में वर्तनी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्राचार्य डा. योगेंद्रपाल सिंह ने की। निर्णायक मंडल की भूमिका संस्कृत प्राध्यापक अशोक कुमार मिश्र व हिंदी अध्यापिका रानी देवी ने निभाई। कार्यक्रम अधिकारी तेजबीर शर्मा की देखरेख में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस वर्तनी लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 8वीं के नकुल ने प्रथम, कक्षा 7वीं के किस्मत ने द्वितीय तथा कक्षा 8वीं के रचित ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेता रहे विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्राचार्य डा. योगेंद्रपाल सिंह ने बताया कि विद्यालय में प्रत्येक शनिवार को किसी ना किसी प्रतियोगिता का जरूर आयोजन किया जाता है और इन प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। हिंदी भाषा में वर्तनी व उच्चारण पर विशेष बल दिया जाता है। शुद्ध वर्तनी हिंदी व्याकरण की कसौटी है। जीवन के हर क्षेत्र में शुद्ध वर्तनी की महती आवश्यकता है। कार्यक्रम अधिकारी हिंदी प्राध्यापक तेजबीर शर्मा ने बताया कि आज के समय में माता-पिता अंग्रेजी भाषा पर ही बल देते हैं, जिससे बच्चों की हिंदी वर्तनी व उच्चारण में अशुद्धियां रह जाती हैं। सांस्कृतिक । इस अवसर पर नवीन कुमार, बंसीलाल, योगेश रोहिल्ला ,गुंजन, उमा शर्मा उपस्थित रहे।
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खबर का हुआ असर
परीक्षा में बैठने के लिए बच्चों को मिली नई टाट-पट्टी
हमारे संवाददाता के द्वारा 28 अपै्रल के अंक में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया था कि राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बड़ी-बड़ी सुविधाएं होने के दोवे के बीच विद्यार्थियों को जमीन व कच्ची मिट्टी में बैठकर प्रतियोगी परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं। बता दें कि स्कूल में 27 अपै्रल को अंग्रेजी विषय की डिक्टेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता के दौरान बच्चों को बिना टाट पट्टी के जमीन पर बैठकर परीक्षा देने का मजबूर होना पड़ा। बच्चों को यह दिक्कत केवल उस दिन ही नहीं हुई थी बल्कि इससे पहले भी होती आ रही थी। इससे पहले 20 अपै्रल को स्कूल में वर्तनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। 24 अपै्रल को भी बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ातें वक्त उन्हे कच्ची जमीन में बैठाया गया था। इस प्रतियोगिता में भी बच्चों को जमीन पर बैठकर अपनी परीक्षा देनी पड़ी थी। हालांकि स्कूल प्रबंधन समय-समय स्कूल में बड़ी-बड़ी सुविधाओं के दावे जरूर करता आता आया है। बिना टाट पट्टी के बैठने से बच्चों के कपड़े जहां खराब होते हैं वहीं उन्हे परीक्षा देने में भी भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता रह था। इस समस्या को हमारे संवाददाता ने गंभीरता से लिया और उसे प्रमुखता से प्रकाशित किया। उसी के परिणाम स्वरूप शनिवार को हुई वर्तनी प्रतियोगिता में बच्चों को बैठने के लिए नई-नई टाट-पट्टी उपलब्ध करवाई गई। बैठने के लिए नई टाट-पट्टी मिलने पर परीक्षा देते हुए बच्चे काफी खुश दिखाई पड़े। हालांकि उसी दिन प्राचार्य डा. योगेंद्रपाल सिंह ने समस्या को वाजिब मानते हुए बच्चों को परीक्षा के दौरान टाट पट्टी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया था और वे अपने आश्वासन पर खरे उतरते हुए दिखाई पड़े।

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